नप.प्रशासन की उपेक्षा से जनता परेशान :-
वरोरा :-हरीश केशवाणी.
शहर के लोगो को इन दिनो अनेक प्रकार की परेशानीयो ने घेर रखा है. जिससे आम लोगो का जीना मुश्किल हो गया है. नगर प्रशासन इस बारे में कोई ध्यान नही दे रहा है, हालांकी कई बार न. प. प्रशासन ध्यान इन समस्याओ की और आकर्षित किया गया है.
1) पाणी निकासी की समस्या :-
शहर के कई क्षेत्रो में पानी निकासी की व्यवस्था ठीक नही होने के कारण कई स्थानो पर सदैव पाणी जमा रहता है, इससे किचड,गंदगी एवं मच्छरो का आतंक बढता जा रहा है. फलस्वरूप क्षेत्र में बिमारीयो के फलने की आशंका बनी हुई है. इस जमा पाणी वाले इलाके के लोगो के लिए वहा रहना मुश्किल हो रहा है.
2) नालीयो की सफाई नही होती :-
शहर मे इन दिनों नालियों की सफाई नियमित न होने से सर्वत्र गंदगी का आलम बना हुआ है, सफाई होती भी है तो उपर उपर ही कर दी जाती है, परिणाम स्वरूप कचरा एवम मिट्टी जमाही रहता है. इससे पाणी का प्रवाह बंद हो जाता है, रुका हुआ पानी सडने लगता है जिससे बगल से निकलना भी मुश्किल होने लगा है, इन नालीयो मे समय समय पर डीडीटी पावडर का शिडकावं होना चाहिये पर नही होता.
3) कई क्षेत्रो मे गंदगी का अंबार :-
नियमित रूप से साफसफाई न होने से, शहर के बहुतांश क्षेत्रो में गंदगी का अंबार लगा हुआ हैंजगह -जगह कचरे के ढेर इस बात के सबूत हैं की,नप.प्रशासन अपने कर्तव्य के प्रती कितना सचेत है, बताया जाता है की, सफाई कर्मचारी कचरा साफ तो करते है लेकिन एक स्थान पर ईकटटा कर देते है, वहा से फिर कचरा उठाया नही जाता,जिससे गंदगी का अंबार लगता जा रहा है, इन स्थानो के आसपास के निवासी गंदगी से परेशान रहते है.
4)आवरा पशुओसे परेशानी :-
शहर के लोग इन दिनों पशुओ की आवारागर्दी से बुरी तरा परेशान है. ऐसे पशुओ की संख्या दिन प्रती दिन बढती जा रही है, ये पशु शहर के मुख्य मार्ग या अन्य किसी भी मार्ग पर कभीभी डेरा डाल कर बैठ जाते हैं. इन्हें मालूम हैं की जाने वाला इन्हें बचाकर ही जाता है, लेकिन ऐसे पशुओं के मार्ग पर बैठ जाने तथा फिरते रहने से कई बार दुर्घटनाये हो चुकी है, स्थानीय प्रशासन इन पशुओं के खिलाफ न तो कोई कार्यवाही करता हैं और नही कोई स्थायी हल निकालता है, परिणाम स्वरूप राहगिरो और वाहन चालको को काफी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है.
5) वरोरा तलाव की दुरावस्था :-
शहर के मध्य स्थित तलाव है, शहर की शान है तलाव, गौरी पूजा, गणेश बाप्पा विसर्जन, दुर्गा देवी विसर्जन इसी तालाब मे किया जाता है, किंतु आज की परिस्थिती मे, नगर प्रशासन मे गजब की उदासीनता बनी हुई है. शहर का नगर प्रशासन कुंभकर्णी नींद मे सोया हुआ है, जिसके कारण तालाब मे बडे पैमाने मे गंदगी फैली हुई है, स्वच्छ शहर एवं स्वच्छ तालाब की धज्जीया उडाई जा रही है.
6) स्ट्रीटलाइट कभी भी चालू बंद :-
मेन रोड तथा वार्डो मे स्ट्रीट लाईट इसलिये लगाई गईहैं की, लोगो को अंधेरे में न रहना पडे ,लेकिन अनेक बार देखा गया है कि स्ट्रीट लाईट रात को काफी देर तक बंद रहते है और कई बार सूर्योदय के बाद भी दिन भर जलते रहते है, जिससे नागरिको को परेशानी का सामना करना पड रहा है.बे समय लाईट जलने से इसका भुगतान भी जनता को ही करणा पडता हैं.
7) नप. अधिकृत शाला की शिक्षा का स्तर गिरने से पालक चिंतित :-
आम नागरिको तथा पालको मे ईन दिनो इस बात की विशेष चिंता हैं की, कई सालो से न. प. सबंधित स्कुलो मे शिक्षा का स्थर गिरता जा रहा हैं, और ऐसे शालाओ मे सामान्य वर्ग के लोग ही अपने बच्चो को शिक्षा दिलाते हैं. पालको का कहना हैं की, ईन शालाओ मे शिक्षा तथा अनुशासन नाम की कोई चीज नही हैं. प्रतिस्पर्धा के इस युग मे यहाँ पढणे वाले बच्चो को कही कोई स्थान मिलेंगा क्या? यह भी पता चला हैं की निजी विद्यालय की अपेक्षा न. प. के सम्बंधित विद्यालयो का परीक्षा फल अपेक्षा कृत काफी कम रहता हैं.
उक्त सभी समस्याओ और स्थितीओ से यहाँ के प्रशासकीय अधिकारी अवगत हैं, लेकिन फिर भी उदासीन बने हुए हैं. जब तक न. प. कोई ठोस कदम नही उठायेगी तब तक आम जनता को ऐसी ही परिस्थिती का सामना करते रहना पडेंगा.
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